उदारवाद ने आर्थिक सुधारों पर बल दिया जिस कारण राष्ट्रों की स्थिति सुद्रढ़ हुई,पूंजी का प्रवाह बड़ा,आवागमन की सरलता, व्यापार तथा पर्यटन का विकास हुआ तकनीकी तथा संचार की प्रगति से मानव जीवन में व्यापक बदलाव दिखाई दिए,एक नई संस्कृति का वातावरण बना,जो बाजारवादी व्यवस्था से जन्मी, बदलाव से मानव स्वभाव, सोच और जीवन शैली में आए परिवर्तनों तथा उसके प्रभाव को जानना भी आवश्यक था । निजी करण से पूंजीपति लाभान्वित दिखते है,सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचना,सरकारी हस्तक्षेप को कम करना, सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों को निजी क्षेत्र को सौपने से रोजगार के क्षेत्र में अवसर बढ़े ?या कम हुए ? इसका परीक्षण भी करना आवश्यक था ।