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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकिताब के प्रथम चरण में जिंदगी के सफ़र को दर्शाया गया है, जिसमें शुरुआती कुछ कविताएं रिश्तेदारों और मित्रों को समर्पित की गई है। इसके पश्चात कुछ कविताओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों और कुरीतियों की तरफ लोगों का ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया गया है। अंत की कुछ कविताओं में हार ना मानना और लक्ष्य की प्राप्ति की ओर बढ़ते चले जाने की बात कही है।
वहीं दूसरे अंश में प्यार का सफ़र दर्शाया गया है। जिसमें पहले एक लड़का, लड़की को सपनों में देखता है फिर किस तरह से उनकी कहानी आगे बढ़ती हैं और लड़का किन भावों में भिन्न चरण से गुजरा है, वह बताया है। वहीं आखिर में एक सकारात्मक सोच दर्शाई गई है कि जो हो उसे भूल कर और उसमें ना उलझकर आगे बढ़ते रहो। इस किताब में बड़े ही सरल तरीके से यह बताया गया है कि कैसे एक इंसान अपने जीवन में सकारत्मक सोच के साथ आगे बढ़ सकता है।
सजल अग्रवाल
लेखक का नाम सजल अग्रवाल है जो गलगोटिया विश्वविद्यालय से यांत्रिकी अभियंत्रण में इंजीनियरिंग कर रहे हैं, और यह गंगापुर सिटी, राजस्थान के रहने वाले है। इनकी रुचि तैराकी, नए - नए स्थानों पर घूमने जाना और लिखना है। इनके अनुसार खुशनुमा रहने के लिए हर इंसान के पास रुचि होना जरूरी है। इनका मानना है की लिखते समय ये वो भावों को बता सकते है जिन्हे असल में वयक्त नहीं कर सकते। इनकी कविताएं पहले 'Tremendous words' और 'Scribbler's insight' में प्रकाशित हो चुकी है। यह अपने जीवन में काफी भविष्य उन्मुख है।
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