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Shrashti / सृष्टि Saral Alokik Sansar

Author Name: Ashutosh Vishwakarma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह किताब मेरे ख्याल और काल्पनिक तथ्यों की द्रष्टि है जो अपने भावों के तार में पिरोकर अपने पाठको तक भेज रहा हूँ | मेरी समझ में इन पंक्तियों में मैंने कुछ घुमक्कड़पन और आलसी ख्याल वाले विचारों को एक स्वाभिमान पूर्ण व्यक्ति के नजरिये और खुशमिजाज़ी के ढंग से प्रस्तुत किया है | पुस्तक में मित्र , सगे सम्बन्धी , विचार , व्यवहार , आक्रोश, बिछड़ना , प्रेम , प्रेम में की गयी नाराज़गी , प्रेमिका इत्यादि भाग विशेष रूप से सम्मलित है |

मै आशुतोष विश्वकर्मा ,ये सोच कर लिखना शुरू किया था कि अपने संगीत को आगे बढ़ाने के लिए शब्दों की ऊर्जा ठीक प्रकार से इस्तेमाल हो सके , भाषा और साहित्य की बहुत ज्यादा तकनीकी नहीं जानता मैं , परन्तु यथार्थ प्रयास किया है जिस प्रकार किताब पढ़ कर मुझे ख़ुशी मिलती है , पुस्तक से जुड़ाव महसूस  होता है वही अपने पाठको तक भेज सकू , इस क्रम को आगे बेहतर बनाने के लिए आपके स्नेह का आभारी रहूँगा |

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ashuvishwakarma788

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आशुतोष विश्वकर्मा

लेखक ई. आशुतोष विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। उनकी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत इंजीनियरिंग कॉलेज के दौरान हुई। वह महान संत कवि श्री गोस्वामी तुलसीदास जी को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। इंजीनियरिंग क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया है, वहीं संगीत के प्रति उनका झुकाव बाल्यकाल से ही रहा है।

अपने पिता श्रीमान वीरेन्द्र विश्वकर्मा से उन्होंने पारिवारिक मंदिर में संगीत की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। संगीत की गहराई को समझते हुए उन्होंने अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करना शुरू किया, जो आगे चलकर उनकी लेखनी का मूल आधार बना।

इसी क्रम में, उनकी स्वरचित नज़्म को आकाशवाणी छतरपुर (मध्य प्रदेश) द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रसारित किया गया, जिसे इस पुस्तक में भी स्थान दिया गया है। इसके अतिरिक्त, उनकी कई रचनाएँ जो पहले सोशल मीडिया पर साझा की गई थीं, इस पुस्तक में पाठकों के लिए संकलित की गई हैं।

अपनी बहुआयामी प्रतिभा को वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रूप से साझा करते हैं। उनके सोशल मीडिया हैंडल — @ASHUJERRY788 — के माध्यम से पाठक सीधे उनसे जुड़ सकते हैं और अपने सुझाव व विचार भेज सकते हैं।

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