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Shri 420 / श्री 420

Author Name: Sanjay Pahuja | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

       यह नाटक उस दौर में लिखा गया जब मैं नाटक की पढ़ाई श्रीराम सेंटर फॉर आर्ट एंड कल्चर से कर के  लगातार बल्लबगढ़, फरीदाबाद और दिल्ली में नाटक कर रहा था ।  हास्य नाटकों की कमी हमेशा खलती थी । तमाशा शैली में लिखे गए नाटक खासकर “सैंया भये कोतवाल“ और “गधे की बारात“ जैसे नाटक हमारा ग्रुप आकृति रंग मंच मंचित कर चुका था । उसके बाद भी और बहुत से नाटक किये लेकिन तमाशा का जनून उतरते नहीं उतरता था । फिर सोचा के क्यों ना एक ऐसा नाटक लिखा जाए जिसमें हर दूसरे वाक्य में कुछ न कुछ हँसी मज़ाक हो।  बात उन दिनों की है जब सीरियल “कुदरत नामा“ शूटिंग पूरी होने के कगार पर था I एडिटिंग शुरू नहीं हुई थी ।  खाली वक्त में ऑफिस में बैठे हुए “श्री 420” नाटक मैंने पूरा किया और कला रंग मंच फरीदाबाद के साथ रिहर्सल भी शुरू हो गयी ।  महिला कलाकार मुश्किल से मिलते थे इसलिए महिला पात्र भी नाटक में कम रखे और जो थे उनके संवाद और सीन कम लिखे कि अगर वो रोज़ रोज़ ना भी रिहर्सल में आ सके तो नाटक की रिहर्सल जारी रह सके।  नाटक का अंतिम अंक रिहर्सल शुरू होने के बाद लिखा गया ।   

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संजय पाहूजा

श्री संजय पाहूजा हिन्दी साहित्य के जाने माने लेखक एवं रचनाकार हैं। आपने काव्य रचना  के साथ साथ धारावाहिक,लघु कथा एवं नाटक भी लिखे हैं। फिल्मी दुनिया में कई लघु फिल्मों का निर्देशन भी किया है। हिन्दी के साथ ही साथ मुलतानी,पंजाबी और सिरायकी भाषा में भी आपने साहित्य का सृजन किया है। 

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