Hindi

Main Kavita Hoon
By in Poetry | वाचलं गेलेलं: 303 | लाइक: 0
Dil ke ayne Ka zariya Ahsas ka Dariya  Bhi Insaniyat  Ki bhook Haivaniyat Ki Aag Ka Chashmadeet Gawah bhi Har insaan Mein Farishton Ka Aina bhi Pukaar lo Jhinjhor lo Tuh Mujhme Main Aawara Junoon Mein Dooba Waqt hoon Tera hamesha Saath hoon    आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 12:37 AM
एक डर
By dolly in Poetry | वाचलं गेलेलं: 491 | लाइक: 0
डर लगता है सपना टूट ना जाए, संभले है कहीं फिर से बिखर ना जाए। हिम्मत नहीं हारी और ना हारेंगे, हौसला अब भी है उसे जरूर प  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 01:19 AM
इंसान
By Abhishek mishra ji in Poetry | वाचलं गेलेलं: 834 | लाइक: 0
ये सोचतें हुए कि इस महामारी से,होजाएंगे सब एकजुट,इंसानियत तो नहीं दिखी यहाँ, बस दिखा फ़ितरत और झूठ,.कैसे बचेगा देश ये   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 05:50 AM
वो लड़की धूम धड़ाका थी ( द्वितीय भाग )
By Abhishek mishra ji in Poetry | वाचलं गेलेलं: 566 | लाइक: 0
वो लड़की धूम धड़ाका थी,वो मंज़िल थी, वो आशा थी,वो चंचल थी, वो हताशा थी,.वो लड़की धूम धड़ाका थी,.वो काफ़िर थी, वो मुसाफ़िर थी, दर द  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 06:03 AM
कमा रही हूं, पर तेरे काम नही आ रही हूँ
By Nupur Jindal in Poetry | वाचलं गेलेलं: 697 | लाइक: 5
एक मुदत हुई माँ,तेरी गोद मे सर रखे हुए,ये दुनिया मुझे कटपुतली बना रही हैं।मैं तो कमाती थी तेरे लिए,जरूरतें मुझे खुदग  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 01:15 PM
Poem on domestic violence
By manika garg in Poetry | वाचलं गेलेलं: 266 | लाइक: 0
रात की शांत गलियों में बंध रही थी हिचकियां कौन थी वो ?? जो भर रही थी सिसकियां.. रोते-रोते पूछ रही वो कैसी हैं ये हस्तिय  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 03:08 PM
Jawab milenge
By manika garg in Poetry | वाचलं गेलेलं: 305 | लाइक: 0
कह रहा है हर शख्स न जाने अब क्या होगा?? मन में है ये डर जो हो रहा है, आखिर कब तक होगा?? कब तक, यूं घरों में कैद होगीं ये जिं  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 03:12 PM
Ab Bas yeh Jaan Lo Tum
By Ritika Rai in Poetry | वाचलं गेलेलं: 255 | लाइक: 1
Nahi Chahta Har Koi Tumko Ab Yeh Jaan Lo Tum Nahi Reh Sakta Har Koi Khush Tumse Ab Yeh Maan Lo Tum karoge Jitni Bhi Koshish Ek Sath Rehne Ki Utna Tum Dur Hoge  Ab Yeh Man Me Daal Lo Tum To Suno  Meri yeh baat ab Jaan Lo tum Ek Baar Iss Nakli Bhid see Bahar Jhak Lo tum Jo Hai Sacha Tumhare   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 05:50 PM
बातों ही बातों में
By Miss k.p (Komal prajapati) in Poetry | वाचलं गेलेलं: 697 | लाइक: 1
बातों ही बातों में जिंदगी चलती जा रही हैं न जाने क्यों राहों में मुश्किलें ही मुश्किलें बढती जा रही हैं  मुश्किलो  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 05:53 PM
आदत
By Vikas Sahni in Poetry | वाचलं गेलेलं: 764 | लाइक: 1
प्यार एक आदत है, आदत बन गयी हो तुम, कही भी चला जाता हूँ, आदत बदलती ही नहीं, क्या करूं मैं अपनी, आदत का आदत से, लत बनती जा र  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 06:15 PM
वो अगली सुबह
By Shreya Jain in General Literary | वाचलं गेलेलं: 186 | लाइक: 0
                                        वो अगली सुबहअगली सुबह अमन तो जागा लेकिन अम्मी नहीं। यह दास्त  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 07:40 PM
dulagar( depression in iranian language)
By M b warsi in Poetry | वाचलं गेलेलं: 261 | लाइक: 1
 ठहर सी,सीहर सी जाती हूं मैं महेज़ खुदकुशी के नाम से |     रोज न जाने कितने लोग कर जाते इसे बड़े आराम से |         आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 08:59 PM
भारत की आवाज़
By Dr. Sonal Shukla in Poetry | वाचलं गेलेलं: 599 | लाइक: 0
वो जो कहते हैं की नहीं हो सकता तुमसे,अब दिखाने का मौका आया है,ऐ भारत, दिखा दो उन्हें की,न सिखाएं हमें जो हमीं से पाया ह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 09:04 PM
“इक लौ आसमानी”
By Rafakat Khan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 238 | लाइक: 1
"इक लौ आसमानी" इक लौ आसमानी जला रखी है सीने में, “फ़क्त” उम्मीद हर साँस जगा रखी है सीने में।  कोशिशें मैं भी करूँ  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 09:36 PM
वो और माँ
By Urmila in Poetry | वाचलं गेलेलं: 279 | लाइक: 0
वो कहीं दूर बैठा, मेरी आखरी साँसें गिनने का इंतज़ार कर रहा है  मगर शायद उसे ये नहीं पता उसकी बददुआ से ज़्यादा  मेर  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Apr 7,2020 09:48 PM