यह किताब हिंदुस्तान के उन लोगों के लिए लिखी गई है जिन्हें कानून की अच्छी समझ नहीं है. आम जनता कानून की पेचीदगियों को अच्छी तरह से नहीं समझ सकती है. कानून को समझने के लिए उन्हें ऐसी किताब मिलना चाहिए जिसे वे अपनी भाषा में अच्छी तरह से समझ सकें . आमतौर पर कानून की जो किताबें हैं उन में जटिल और वैज्ञानिक भाषा का उपयोग किया गया है. कानून को सरल भाषा में समझाना चाहिए. बेशक यह किताब वकीलों के लिए नहीं है. न हीं इसमें बहुत सारी रुलिंग्स का जिक्र है क्योंकि इस तरह से किताब अत्यंत जटिल हो जाएगी और फिर आम जनता की बोलचाल की भाषा से दूर हो जाती है. उसे समझने में भी उन्हें बहुत परेशानी होती है.
इस किताब के लेखक रजत बिन्दल, एडवोकेट की शिक्षा एम् . कॉम , एल.एल.बी. है . कानून की शिक्षा दिल्ली विश्विद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से प्राप्त की है , जो देश ही नहीं वरन विश्व के गिने चुने लॉ कॉलेज में शामिल है . पदमश्री प्रोफेसर उपेन्द्र बक्शी , पदमश्री प्रोफेसर एम्. पी सिंह , पदमश्री प्रोफेसर एन आर एम् मेनन सरीखे जुरिस्ट्स से ज्ञान प्राप्त करके वकालत के क्षेत्र में पिछले २८ वर्ष से कार्यरत है . लेखक का मानना है कि कानून की जानकारी, सरल भाषा में , जब तक समाज के हर क्षेत्र के लोगो तक नहीं पहुँच जाती तब तक कानून का होना बेकार है तथा उसे लागू कर पाना असंभव है. मुकदमें एक निश्चित समय सीमा में निर्णीत होने चाहिए , जिस से जनता का कानून में विश्वास जगे . कानून की जानकारी आम जन तक पहुंचाने के लिए लेखक ने एक यू ट्यूब चैनल भी शुरू किया है जो “Bindal Law Associates” के नाम से है . इस चैनल पर भी आप को कानून की जानकारी के लिए कई उपयोगी लेक्चर मिलेंगे . अपनी वेब साईट “Bindal Law Associates” पर भी ब्लॉग लिख कर कानून की जानकारी लोगो तक पहुचाने का प्रयास करते है . लेखक से संपर्क उनकी ई मेल rbin1@rediffmail.com पर किया जा सकता है .