धर्मजीत त्रिपाठी जी (सिविल सेवक) का काव्य संग्रह "आनवार" एक शानदार महाकाव्य है जो मानव जीवन में आने वाली चुनौतियों और भावनाओं की पड़ताल करता है। इस पुस्तक के माध्यम से, लेखक का लक्ष्य प्रेम, अलगाव और जीवन और मृत्यु के चक्र के कई पहलुओं को विभिन्न परिप्रेक्ष्यों में उजागर करना है।
आधुनिक भाषा में लिखी गई कविताएँ भावनाओं की उल्लेखनीय रूप से सशक्त परीक्षा प्रस्तुत करती हैं। धर्मजीत त्रिपाठी जी की कलम कुशलतापूर्वक व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण को जोड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप एक मनोरम संलयन होता है जो विभिन्न विषयों पर चिंतन को प्रोत्साहित करता है।
इस काव्य संग्रह का उद्देश्य शांतिपूर्वक और श्रद्धापूर्वक जीवन के विभिन्न पहलुओं की खोज करना है। यह न केवल मानवीय भावनाओं से मेल खाता है, बल्कि प्रकृति की सुंदरता और चिंतन से प्रेरित हार्दिक भावनाओं को भी उद्घाटित करता है।
पुस्तक की विशेषताएं:
I. यह पुस्तक मानवीय संवेदनाओं की एक व्यापक श्रृंखला को उजागर करती है।
II. कविताएं सरल और सुगम भाषा में लिखी गई हैं।
III. कविताएं पाठकों को अपने जीवन के संघर्षों और अनुभवों से जोड़ने में सक्षम हैं।