यह किताब, ‘अभ्यंतर की आभा’शरीर के मानस-दर्शन और विश्राम तकनीकों से युक्त ध्यान की एक गाइड है, जिसमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, मनोविज्ञान और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों को समाहित किया गया है। इसमें विस्तृत चित्र भी शामिल किये गए हैं, जो शरीर के अंगों और प्रणालियों के ‘विज़्वाइलाइजे़शन’ में मदद करते हैं। किसी भी बीमारी की रोकथाम में सही जानकारी प्रदान करने के लिए संबंधित अंग की ‘क्लिनिकल’हालत का उल्लेख किया गया है। इस किताब की एक ख़ास बात यह भी है कि इसमें शरीर के प्रत्येक अंग के प्रति कृतज्ञता और उसके महत्व पर ज़ोर दिया गया है। यह पुस्तक पाठकों को अपने शरीर, मन और आत्मा को एक इकाई के रूप में देखने व अनुभव करने और ईश्वर से जुड़ने में मदद करेगी।
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