इस पुस्तक में राधा कृष्ण के अधूरे प्रेम का वर्णन किया गया है। सच्चा इश्क कहा किसी का पूरा हुआ है । जब श्याम अपनी प्रिय राधा से ना मिल सके तो हम सब तो मामूली इंसान है , हमारा इश्क कैसे मुकम्मल हो सकता है । हर एक शक्श की एक अधूरी कहानी होती है , हर कोई अपने प्रिय की विरह वेदना में तड़पता है । मन के कई सवाल होते है , जो हम ईश्वर से पूछना चाहते है , इस समाज से पूछना चाहते है कि आखिर क्यों हमें अपने प्यार से अलग होना पड़ा......!!
आखिर क्या वजह थी , हमारे बिछड़ने की और फिर ईश्वर से जवाब ना मिलने पर हम कलम की सहायता लेते है। अपने दिल के जज़्बात को एक कोरे पन्ने पर उतार देते है । हर एक कहानी अलग होती है , पर वो बिछड़ने का दर्द सबका एक सा होता है । हमारी ये किताब अधूरा इश्क में हमने कई कवियों की कविताओं को एक साथ जोड़कर , सबके दर्द को एक ही किताब में पिरो कर लाए है ।