अधूरे अल्फ़ाज़
यह पुस्तक सिर्फ शब्दो की नही बल्कि उन सभी एहसासों की है जो शब्दो से सजकर भी अनछुए या अनकहे रह जाते है ।
एहसास बहुत सुनहरे होते है एक ही एहसास किसी को खुशी तो किसी को गम दे जाता है । एहसासों की दुनिया हमेशा पूरे होने की दहलीज पर खड़ी रहती हैं जो किसी के लिए पूरे तो सामने वाले के लिए अधूरे रह जाते है ।
यदि कोई ख्वाहिश पूरी हों जाए तो सफलता , ना हो तो उसे नाकामी का नाम दे दिया जाता है ।
पर इस सफलता और नाकामी के बीच के सफर को कोई याद नही रखता ।
बस कोशिश करते है समझने की कुछ अनसुलझे एहसासों को ।
कि सब कुछ पास होकर भी हार गया । राहों के कांटे सहकर भी मंजिल तक ना पाया ।यही हमारी कोशिश अधूरेपन का स्वरूप ले लेती हैं।
लोग अक्सर कहते हैं प्यार हासिल ना होना ही अधूरा कर जाता हैं।
पर मेरा ऐसा मानना है कि अधुरापन सिर्फ प्रेम के फलस्वरूप नही आता ये तो हर एहसास की मंजिल और शुरुआत के बीच फंसी कोशिश के फलस्वरूप जन्म लेता हैं ।
इस संकलन के माध्यम से पाठकों को विभिन्न भावो की रचना अपने जीवन के पहलुओं याद करने का मौका मिलेगा ।
धन्यवाद सा
अभिषेक जैन