यह किताब सिर्फ किताब नहीं है, यह एक ज़िस्म है जो हमारे मन में जन्मे कई सोचों, कई एहसासों, कई यादों, कई चाहतों और कई बातों से बना है । इंसानी जिंदगी में हर रिश्तों में कुछ बातें अधूरी रह जाती है, अनकही और अनसुनी रह जाती है और मेरी यह किताब इन बातों का ही मूर्त रूप है।