अछूत जाति में जन्में इस मनीषी ने अथाह ज्ञान अर्जित कर यह सिद्ध कर दिया कि ज्ञान पर किसी विशेष समुदाय का ही अधिकार
नहीं है। इन्होंने अपनी ज्ञान गंगा से न केवल अछूतों, दलितों व पिछड़ी जातियों को सराबोर किया अपितु भारतीय संविधान का निर्माण कर समस्त भारत की जनता को लाभान्वित किया। इसके अतिरिक्त भारतीय पुरातन परम्परा तिरस्कार, उपेक्षा, घृणा व अपमान सहन करने वाले देश के छः करोड़ अछूतों को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया।
भीमराव ने अपना सम्पूर्ण जीवन दलित वर्ग व सम्पूर्ण मानव समाज को अर्पण कर अपनी योग्यता सिद्ध की और स्पृश्यों के समक्ष अस्पृश्यों का मस्तक ऊँचा किया।
अछूतों के उद्धारक, विधिवेत्ता, समाज सुधारक, दलितों व शोषितों के मसीहा, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का सम्पूर्ण जीवन चरित्र प्रत्येक वर्ग के व्यक्तियों के लिए निःसन्देह शिक्षा व प्रेरणा का स्त्रोत है।