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Bachau ke Papa / बचऊ के पापा (जनभाषा की कथा-कहानी)

Author Name: RAJENDRA PRASAD GUPTA | Format: Paperback | Genre : Letters & Essays | Other Details

नौवीं पुस्तक के रूप में   'बचऊ के पापा '  लेखक का द्वितीय लघु कथा एवं कहानियों का संग्रह है। इसमें आम जन के जीवन में घुली-मिली  78  बेहद दिलचस्प एवं आनंददायक, पठनामृत कहानियां संकलित हैं, जिनमें पाठकों को जगह-जगह हर्ष, प्रेम, आनंद आदि के साक्षात दर्शन होंगे। इनकी भाषा भी सहज संप्रेषणीय जनभाषा है।

         ----  लेखक।

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राजेंद्र प्रसाद गुप्ता

राजेंद्र प्रसाद गुप्ता/ लेखक परिचय

5 जनवरी, 1952 को जनपद देवरिया, उ. प्र. में जन्म। स्थाई निवास, लखनऊ। राष्ट्रीय कैडेट कोर के 'बी' प्रमाण पत्र के साथ कलकत्ता विश्वविद्यालय से 1970 में स्नातक तथा गोरखपुर वि.वि. से एम.ए. (अर्थ)।

1974-76 में मिशनरी स्कूल एवं कॉलेज में अध्यापन, 1976-78 में महालेखाकार, नगालैंड में लेखापरीक्षक एवं 1978 से जनवरी, 2012 तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व अधिकारी रहा।

प्रकाशित पुस्तकें-
काव्य संग्रह-1). जनभाषा की कविता नगरी,  2). जनभाषा कविता के द्वार , 3). हवा का रुख (कोरोना पुराण सहित), 4). जनभाषा कविता के गांव, 5). जलते दीप एवं 6). चांदनी की रातों में।
कहानी संग्रह-1). चूहों का सरपंच एवं 2).Path of Love.
आत्मकथा- गांव से गांव की राजधानी तक (देहाती की जीवन गाथा, टुकड़ों में)।
साझा संग्रह- 1). कविताएं डॉ अंशु के साथ का "कथा/संस्मरण, प्रथम संकलन",  2). काव्य सरिता "काव्य संकलन ( द्वितीय)",  एवं 3). अवध मंजरी, काव्य संग्रह, अयोध्या।

संपर्क-ई मेल :rpgaadi2015@gmail.com

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