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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
चलो नदी के गांव चलें ' 155 ऐसे मनभावन गीतों का विशेष संकलन है जो पढ़ने-सुनने में बेहद आनंददायक, रोचक और ज्ञानवर्धक हैं। इस पुस्तक के अधिकांश गीत यूट्यूब
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चलो नदी के गांव चलें ' 155 ऐसे मनभावन गीतों का विशेष संकलन है जो पढ़ने-सुनने में बेहद आनंददायक, रोचक और ज्ञानवर्धक हैं। इस पुस्तक के अधिकांश गीत यूट्यूब
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संक्षिप्त लेखक परिचय
5 जनवरी, 1952 को जनपद देवरिया, उत्तर प्रदेश में जन्म। स्थाई निवास, लखनऊ। कलकत्ता वि.वि. से 1970 में स्नातक तथा गोरखपुर वि.वि. से 1973 में एम.ए. (अर्थशास्त्र)।
1974-76 में प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल एवं कॉलेज में अध्यापन, 1976-78 में महालेखाकार, नगालैंड में लेखापरीक्षक एवं अक्टूबर , 1978 से जनवरी, 2012 तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व अधिकारी रहा।
अन्य प्रकाशित पुस्तकें
आठ काव्य संग्रह, तीन लघु कथा/ कहानी संग्रह ( 1. चूहों का सरपंच, 2. बचऊ के पापा एवं 3. Path of Love) ,तीन साझा संग्रह तथा आत्मकथा -गांव से गांव की राजधानी तक।
चलो नदी के गांव चलें ' 155 ऐसे मनभावन गीतों का विशेष संकलन है जो पढ़ने-सुनने में बेहद आनंददायक, रोचक और ज्ञानवर्धक हैं। इस पुस्तक के अधिकांश गीत यूट्यूब
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चलो नदी के गांव चलें ' 155 ऐसे मनभावन गीतों का विशेष संकलन है जो पढ़ने-सुनने में बेहद आनंददायक, रोचक और ज्ञानवर्धक हैं। इस पुस्तक के अधिकांश गीत यूट्यूब
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संक्षिप्त लेखक परिचय
5 जनवरी, 1952 को जनपद देवरिया, उत्तर प्रदेश में जन्म। स्थाई निवास, लखनऊ। कलकत्ता वि.वि. से 1970 में स्नातक तथा गोरखपुर वि.वि. से 1973 में एम.ए. (अर्थशास्त्र)।
1974-76 में प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल एवं कॉलेज में अध्यापन, 1976-78 में महालेखाकार, नगालैंड में लेखापरीक्षक एवं अक्टूबर , 1978 से जनवरी, 2012 तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व अधिकारी रहा।
अन्य प्रकाशित पुस्तकें
आठ काव्य संग्रह, तीन लघु कथा/ कहानी संग्रह ( 1. चूहों का सरपंच, 2. बचऊ के पापा एवं 3. Path of Love) ,तीन साझा संग्रह तथा आत्मकथा -गांव से गांव की राजधानी तक।
पुस्तक परिचय
'मोती मुक्तक : जनभाषा के' एक विशेष पुस्तक के रूप में कुल चार भागों में विभाजित है जो विविध विषयों पर 228 विशिष्ट दोहों, 208 रोचक छिटपुट छोटी रचनाओ
पुस्तक परिचय
'मोती मुक्तक : जनभाषा के' एक विशेष पुस्तक के रूप में कुल चार भागों में विभाजित है जो विविध विषयों पर 228 विशिष्ट दोहों, 208 रोचक छिटपुट छोटी रचनाओ, 54 अन्य आनंददायिनी कविताओं एवं कुल 19 रोचक कहानियों /लघुकथाओं का सम्मिश्रण है। यह लेखक का आठवां काव्य संग्रह भी है। पढ़ने में सिर्फ आनंददायक और रोचक ही नहीं , अपितु बेहद ज्ञानवर्धक भी है। धर्म, अध्यात्म, त्यौहार, राष्ट्रबोध, प्रकृति ,राजनीति तथा अनेक मानवीय भावनाओं को रेखांकित करते दोहे एवं अन्य मुक्तक इनमें शामिल हैं। प्रेम, आशा, उत्साह, शौर्य, करुणा, वात्सल्य, हास्य एवं अध्यात्म से ओत-प्रोत ये कविताएं एवं कहानियां मानव जीवन की एक नई व्याख्या प्रस्तुत करती हैं। भाव प्रवणता एवं सहज संप्रेषणीयता की विशिष्टता से विभूषित तथा जिंदगी के तमाम अनुभवों से भीगी हुई ये कविताएं एवं कहानियां आपको बरबस अपनी ओर आकृष्ट करती हैं।
सर्वविदित है कि दोहे स्वभावत: 'गागर में सागर ' होते हैं। साथ ही पुस्तक में मौजूद अन्य छोटी रचनाओं को पढ़ने के बाद संभव है आप स्वत: ही कह उठें कि रचनाएं ' देखन में छोटे लगें, भाव भरे गंभीर'। अन्य कविताएं एवं कहानियां भी विश्व कल्याणकारी भावनाओं से ओत-प्रोत हैं। यत्र-तत्र बिखरे दोहों और विशेषकर छोटी रचनाओं को बटोर कर एकत्र करना निस्संदेह समयसाध्य कार्य रहा, किंतु कष्टसाध्य कत्तई नहीं।
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--राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, लेखक।
पुस्तक परिचय
'मोती मुक्तक : जनभाषा के' एक विशेष पुस्तक के रूप में कुल चार भागों में विभाजित है जो विविध विषयों पर 228 विशिष्ट दोहों, 208 रोचक छिटपुट छोटी रचनाओ
पुस्तक परिचय
'मोती मुक्तक : जनभाषा के' एक विशेष पुस्तक के रूप में कुल चार भागों में विभाजित है जो विविध विषयों पर 228 विशिष्ट दोहों, 208 रोचक छिटपुट छोटी रचनाओ, 54 अन्य आनंददायिनी कविताओं एवं कुल 19 रोचक कहानियों /लघुकथाओं का सम्मिश्रण है। यह लेखक का आठवां काव्य संग्रह भी है। पढ़ने में सिर्फ आनंददायक और रोचक ही नहीं , अपितु बेहद ज्ञानवर्धक भी है। धर्म, अध्यात्म, त्यौहार, राष्ट्रबोध, प्रकृति ,राजनीति तथा अनेक मानवीय भावनाओं को रेखांकित करते दोहे एवं अन्य मुक्तक इनमें शामिल हैं। प्रेम, आशा, उत्साह, शौर्य, करुणा, वात्सल्य, हास्य एवं अध्यात्म से ओत-प्रोत ये कविताएं एवं कहानियां मानव जीवन की एक नई व्याख्या प्रस्तुत करती हैं। भाव प्रवणता एवं सहज संप्रेषणीयता की विशिष्टता से विभूषित तथा जिंदगी के तमाम अनुभवों से भीगी हुई ये कविताएं एवं कहानियां आपको बरबस अपनी ओर आकृष्ट करती हैं।
सर्वविदित है कि दोहे स्वभावत: 'गागर में सागर ' होते हैं। साथ ही पुस्तक में मौजूद अन्य छोटी रचनाओं को पढ़ने के बाद संभव है आप स्वत: ही कह उठें कि रचनाएं ' देखन में छोटे लगें, भाव भरे गंभीर'। अन्य कविताएं एवं कहानियां भी विश्व कल्याणकारी भावनाओं से ओत-प्रोत हैं। यत्र-तत्र बिखरे दोहों और विशेषकर छोटी रचनाओं को बटोर कर एकत्र करना निस्संदेह समयसाध्य कार्य रहा, किंतु कष्टसाध्य कत्तई नहीं।
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--राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, लेखक।
यह पुस्तक 'राम' मुझे गाने दो' विविध विषयों पर रची गई कुल 82 चुनिंदा कविताओं के साथ लेखक का सातवां काव्य संग्रह है। धर्म, अध्यात्म, त्यौहार, राष्ट्रबोध, प्रकृति ,राजनीति तथा अनेक मा
यह पुस्तक 'राम' मुझे गाने दो' विविध विषयों पर रची गई कुल 82 चुनिंदा कविताओं के साथ लेखक का सातवां काव्य संग्रह है। धर्म, अध्यात्म, त्यौहार, राष्ट्रबोध, प्रकृति ,राजनीति तथा अनेक मानवीय भावनाओं को रेखांकित करते दोहे आदि सभी इन विषयों में शामिल हैं। प्रेम, आशा, उत्साह, शौर्य, करुणा, वात्सल्य, हास्य एवं अध्यात्म से ओतप्रोत ये कविताएं मानव जीवन की एक नई व्याख्या प्रस्तुत करती हैं। भाव प्रवणता एवं सहज संप्रेषणीयता की विशिष्टता से विभूषित तथा जिंदगी के तमाम अनुभवों से भीगी हुई ये कविताएं आपको बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
मेरा मानना है कि आमजन की बोलचाल की भाषा में लिखी गई सहज संप्रेषणीय कविताएं जन सामान्य की समझ में सरलता से आ जाती हैं। जनभाषा में रचना मेरी आदत सी बन गई है। इस दिशा में मेरे प्रयास की सफलता का निर्णय तो सुधी पाठकगण ही कर सकते हैं। जय हिंद!
कैसी है पुस्तक ?
यह पुस्तक 'गांव से गांव की राजधानी तक' जीवन गाथा है टुकड़ों में, एक केंद्रीय अधिकारी, जनभाषा कवि एवं लेखक की। यह एक बहुरंगी पुस्तक है जिसमें 'सत्यम शिवम सुंदरम' क
कैसी है पुस्तक ?
यह पुस्तक 'गांव से गांव की राजधानी तक' जीवन गाथा है टुकड़ों में, एक केंद्रीय अधिकारी, जनभाषा कवि एवं लेखक की। यह एक बहुरंगी पुस्तक है जिसमें 'सत्यम शिवम सुंदरम' के तीनों रंग समाहित हैं। एक अनोखा प्रयास, रोचक एवं सरस भी, लेखक के बहुरंगी संस्मरण, आत्मकथात्मक कविताओं एवं जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटनाओं से मेल खाती हुई ख़ुद की लिखी कुछ कहानियों के संग।
भाग 1 -गद्य संस्मरण : यह पुस्तक का मुख्य भाग है जिसमें लेखक ने अपने बचपन से लेकर पाठशाला, कॉलेज, विश्वविद्यालय और बाद में सेवा काल की विभिन्न घटनाओं को अत्यंत मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया है। इन 82 संस्मरणों में बचपन से लेकर यूरोप की यात्रा तक की घटनाओं का ब्यौरा अत्यंत आकर्षक शैली में उपलब्ध है। भाग 2 और 3 में लेखक के जीवन से संबंधित चुनिंदा कविताएं एवं कहानियां भी अत्यंत पठनीय हैं।
कुल मिलाकर प्रस्तुत आत्मकथात्मक कृति 'गांव से गांव की राजधानी तक' पठनीयता की दृष्टि से अत्यंत उत्तम पुस्तक है और आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक पाठकों का स्नेह प्राप्त करने में पूर्णतः सफल होगी। यह पुस्तक अवश्य पठनामृत साबित होगी।
नौवीं पुस्तक के रूप में 'बचऊ के पापा ' लेखक का द्वितीय लघु कथा एवं कहानियों का संग्रह है। इसमें आम जन के जीवन में घुली-मिली 78 बेहद दिलचस्प एवं आनंददायक, पठनामृत कहानियां स
नौवीं पुस्तक के रूप में 'बचऊ के पापा ' लेखक का द्वितीय लघु कथा एवं कहानियों का संग्रह है। इसमें आम जन के जीवन में घुली-मिली 78 बेहद दिलचस्प एवं आनंददायक, पठनामृत कहानियां संकलित हैं, जिनमें पाठकों को जगह-जगह हर्ष, प्रेम, आनंद आदि के साक्षात दर्शन होंगे। इनकी भाषा भी सहज संप्रेषणीय जनभाषा है।
---- लेखक।
The Book ' Path of Love' is a collection of very popular and unique 77 selected stories / short stories. The writer is a retired Govt. Officer who has authored 7 books of poetry and one of short stories in Hindi, besides a few books combined with other writers so far. One of his books 'Janbhasa ki Kavita Nagari', a collection of 149 poems(2021) , has been included recently by Govt. of India, MHA, Deptt. of Official Languages in the list of books approved for p
The Book ' Path of Love' is a collection of very popular and unique 77 selected stories / short stories. The writer is a retired Govt. Officer who has authored 7 books of poetry and one of short stories in Hindi, besides a few books combined with other writers so far. One of his books 'Janbhasa ki Kavita Nagari', a collection of 149 poems(2021) , has been included recently by Govt. of India, MHA, Deptt. of Official Languages in the list of books approved for purchases for Govt. Libraries in India. This is his first Book of Stories/ Short stories in English.
Hope the readers will be elated after reading the book.
'जलते दीप' काव्य-संग्रह पुस्तक 70 कविताओं (jजिसमे एक अंग्रेजी की कविता है) का संग्रह जो मानव-मन को छू लेता है।
'जलते दीप' काव्य-संग्रह पुस्तक 70 कविताओं (jजिसमे एक अंग्रेजी की कविता है) का संग्रह जो मानव-मन को छू लेता है।
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