विश्व रत्न, शोषित के भगवान, तथागत आदि विश्लेषणों से जिनको सारा विश्व जनता है ऐसे बाबा साहब डॉ॰ भीमराव अंबेडकर के बचपन के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। क्योंकि जब उनका बचपन हिलोरें ले रहा था तब उस महार बालक सकपाल के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं होगा कि यह बालक आने वाले समय में शोषक उद्धारक के साथ साथ भारत का नीति निर्माता भी बनेगा, एक दिन जिसे सारा विश्व नमन करेगा।
इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था जो ब्रिटिश प्रशासन में सूबेदार के पद तक पहुंच गए थे और माता का नाम भीमाबाई मुरबादकर था। इनके बचपन में ही इनकी माँ का देहांत हो जाने के कारण इन्हे इनकी बुआ मीराबाई ने सम्हाला और उन्ही के कहने पर इनके पिता ने जीजाबाई से दूसरी शादी की। ये अपने माता पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे। ये हिन्दू धर्म की महार जाति से थे, जो की उस समय की परिस्थिति के अनुसार अछूत मानी जाती थी, जिसके कारण इन्हे जन्म से ही समाज में बुरी तरह का भेदभाव सहन करना पड़ा था।
अतः इस विषय के बिभिन्न खंडों को जन उपयोगी रूप में प्रकट करने की मैंने कोशिश की है। आशा है कि यह आम जनमानस को विशेष रूप से उपयोगी होगी। साथ ही न केवल बाबा साहब डॉ॰ अंबेडकर के बचपन बल्कि उन सारी परिस्थित्यों को समझने के लिए भी यह जानकारी लाभकारी होगी जिनमें उनका बचपन बीता।
आशा है प्रबुद्ध पाठकगणों को मेरा यह प्रयास पसंद आएगा। भविष्य में आपको और भी अच्छे अच्छे विषय के शोध संग्रह पुस्तक के रूप में देता रहूँ ऐसा आशीर्वाद दें।