जगदलपुर गांव में प्रतिवर्ष नरबलि का आयोजन गुप्त रीति से किया जाता है किंतु कुछ समय पूर्व इस प्रथा के भंग होते ही गांव में रहस्यमई मौतों का सिलसिला प्रारंभ हो जाता है। गांव वालों का मानना है कि यह किसी दैविक शक्ति का प्रकोप है, जबकि कहानी के प्रमुख पात्रों में से एक दुष्यंत इसे किसी बड़े षड्यंत्र का परिणाम मानता है। और गांव वालों की मान्यताओं को चुनौती देता है, इसी विरोधाभास के परिणाम स्वरूप मानसिंह जो गांव का एक प्रभावशाली व्यक्तित्व है दुष्यंत के नरबलि की योजना बनाता है। और दुष्यंत छुपते- छुपाते वास्तविकता का पता लगाने का संकल्प लेता है इस मोड़ पर उसका सहयोग श्रद्धा करती है जो मान सिंह की बेटी है।