Share this book with your friends

Bikhre Alfaaz, Gehre Jazbaat / बिखरे अल्फ़ाज, गहरे जज़्बात!

Author Name: Ranu Manjhi "sanskriti" | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पुस्तक " बिखरे अल्फ़ाज, गहरे जज़्बात!" द्वारा रानू माँझी ‘संस्कृति’

यह पुस्तक उन कविताओं को पढ़ने का मौका दे रही है जो हिंदी भाषा में हैं। लेखक ने उनकी सोच और लेखन की झलक दी है। मन के विभिन्न शेड्स हैं। मन के विभिन्न देश हैं। मन की विभिन्न अवस्थाएँ हैं।

Read More...

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book
Sorry we are currently not available in your region.

Also Available On

रानू माँझी ‘संस्कृति’

कु़. रानू माँझी एक नवोदित कवयित्री हैं! इनका मानना है, कि इंसीनियत ही सबसे बड़ा घर्म है! बचपन से ही इन्हें प्रकृति के प्रति अधिकार प्रेम रहा है और वही काव्य लेखन के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना! 
इनका जन्म 20/09/2001 को म. प्र.  राज्य मे गढ़ाकोटा में हुआ! इनके पिताजी का नाम श्रीमीन रामगेपाल माँझी तथा माता का नाम श्री प्रेमा माँझी है! इनका निवास स्थान सागर जिले में स्थित रहली (कस्बा/तहसील) है!ये बचपन से अपने पिता, बुआजी, बड़ी बहिन,चाचाजी- चाचीजी ,और अपनी दादी जी के साथ रहती है एवं अपनी माँ से सदैव दूर रही हैं! 
इनकी मा. में से उच्च शिक्षा रहली के प्रतिष्ठित विघालय सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई है! और समस्त कक्षाओं में इन्होने उत्कृष्ट अंक प्राप्त किये !वर्तमान में बी. एस. सी. की शिक्षा के लिए सागर के शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर कन्या महाविघालय में अध्ययनरत हैं! 
ये बचपन से ही सरल एवं चंचल स्वभाव की है! इनकी रूचि चित्रकला, गायन, नृत्य तथा लेखन आदि में है! 
रानू माँझी ने "उड़ान " और "रक्त बूँद " में सह-लेखन कार्य किया हैं! तथा वर्तमान में "कल्पना","The Taj Mahal " एवं  "स्त्री" नामक Anthology के संकलन का कार्य कर रही है...!

Read More...

Achievements