कॉमन सी बात है कि आज के दौर में इंसान शॉर्टकट ढूँढता है, चाहे वो जॉब हो या फिर रिश्ते। रिश्तों के दायरे भी काफी विशाल है, लेकिन इंसान के पास वक्त की कमी है। इसलिए वो उलझ सा जाता है और अपनी निजी खुशियों के माध्यम को तलाशने लगता है। लेकिन यह जीवन की डोर सुलझने की बजाय और उलझ जाती है। संभवतः यही कारण है कि इंसान आज इंटरनेट पर खुशियों की तलाश में हादसे का शिकार हो जाता है।मैंने कहानी को इसी रिश्ते की डोर के आस पास बुनने की कोशिश की है। - मदन मोहन