बस एक कोशिश है कि मन के विचार इन शब्दों में पिरोकर आप तक पहुंचा सकूं। यह किताब किसी साहित्य की बारीकियों को उजागर करने के उद्देश्य से नहीं लिखी गई अपितु मेरे भावों को चंद लफ्जों में परोसने और इस दुनिया में पीड़ा से जूझ रहे लोगों से दो बातें साझा करने के इरादे से लिखी गई है। जिंदगी की फौलादी परिस्थितियाँ ही कारण बनी की एक अंतर्मुखी, मायूस और भयग्रस्त लड़का कवि हृदय बन बैठा। मुझे कोई सलाहकार नहीं मिला इसलिए इन कविताओं में हुई त्रुटियों के लिए माफी चाहता हूं परंतु यह विचार आपके लबों पर उतर आए उसके लिए इनकी शुद्धता का ख्याल रखा गया है।