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FIR EK DIN / फिर एक दिन

Author Name: Subhash Shyam Saharsh | Format: Paperback | Genre : Children & Young Adult | Other Details

"क्या रे गजेंद्र, गधा जैसा शरीर होता जा रहा है और तू...।"  अक्सर चलते- फिरते गांव के लोगों से सुनने को मिल जाता था उसे। वह चुपचाप असहाय की सी सूरत बना कर बड़ों की बात नजरअंदाज करके एक तरफ चल देता।  
"बेटा अब तो कुछ काम-धाम कर ले। बैठे-बैठे तू कितनी रोटी-तरकारी तोड़ेगा?" अक्सर मां झल्ला जाती। आखिर वह करती भी तो क्या? अपनी बेबसी किसको बताती? 

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सुभाष श्याम सहर्ष

सुभाष श्याम सहर्ष 
देश - भारत 
लेखन- साहित्यिक 
शिक्षा - कशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से अंग्रेज़ी साहित्य से स्नातकोत्तर की उपाधि व आपने अनुवाद में भी डिप्लोमा का कोर्स किया है। 
आप शिक्षण के साथ-साथ बच्चों के लिए भी किताबें लिखने में रूचि रखते हैं। आपकी  कोशिश हमेशा से बच्चों को नयी सोच प्रदान करना रहा है। इसके साथ ही आप उनके मनोरंजन का भी पूरा धयान रखते हैं। आने वाली पीढ़ी हमेशा से आपका आभारी रहेगी। आपके लेखन में हमेशा ही ताजगी, साहस और उत्साह की प्रधानता रहती है।

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