'फ़ितरत ही हमारी है' काव्य सँग्रह में जीवन की वास्तविकता को दर्शाती बहुत ही दर्दभरी शायरी और ग़ज़लों, आदि रचनाओं का सँग्रह किया गया है. इसमें हृदय की आंतरिक भावनाओं को बहुत ही खूबसूरत ढंग से चित्रित किया गया है।
हम उम्मीद करते हैं कि ये कविता सँग्रह आपको असीम आनन्द की अनभूति कराएगा।इसका एक एक शब्द बहुत ही गहरा भाव रखता है।
रघुवंशी जी का यह 12 वां काव्य संग्रह है, इनके अन्य काव्य सँग्रह - 'इश्क़ गुनाह है' , 'मैं आवारा' , 'मैं मानव हूँ' , 'अधूरी मोहब्बत' , 'दर्द-ए-दिल' , 'चांद सा चेहरा' ,'मंजिल हो तुम' , 'जिंदगी कुछ नहीं' , 'इश्क है खुदखुशी' ,'मुमकिन नहीं है तुम बिन' और 'कौन है वो नाज़नीं' आदि प्रकाशित हो चुके हैं। जिसमें बहुत ही हृदय स्पर्शी गीत, ग़ज़लों, कविताओं, अशआर और शायरियों का संग्रह किया गया है।
जिन्हें आप ऑनलाइन नोशन प्रेस पब्लिकेशन के Online स्टोर से , Amazon और Flipkart से या अन्य Online Stores & Sites से मंगा सकते हैं।
इनके कुछ काव्य संग्रह Amazon Kindle पर भी E-Book के रूप में उपलब्ध हैं।