व्याख्यान : श्री तरुण प्रधान; संकलन: रमाकांत शर्मा;
व्याख्याकार श्री तरुण प्रधान एक आध्यात्मिक गुरु हैं जो पुणे के तम्हिनी घाट क्षेत्र में प्रवास कर रहे हैं। बाल्यकाल से ही आप अध्यात्म की ओर प्रेरित रहे और बाद में शास्त्रों के गूढ़ ज्ञान का साक्षात्कार कर, उस के प्रबल शोधकर्ता रहे हैं। इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में स्नातकोत्तर शिक्षा से अर्जित वैज्ञानिक तकनीक का भरपूर और अभूतपूर्व उपयोग कर, इस आध्यात्मिक ज्ञान को एक व्यवस्थित और सरल पद्धति द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में साधकों को, ज्ञानदीक्षा और त्रिज्ञान (आत्म - माया - ब्रम्ह ज्ञान ) कार्यक्रम का आविष्कार उपरांत उसको निःशुल्क उपलब्ध करवाया है।
ज्ञानदीक्षा और त्रिज्ञान कार्यक्रम में सम्मिलित क्षात्र-क्षात्राओं, साधक साधिकाओं की सहायता के लिए साप्ताहिक हिंदी और अंग्रेजी में सत्संग का आयोजन निरंतर हो रहा है, जिसका सञ्चालन स्वयं श्री तरुण जी कर रहे हैं। इनमें सारे आध्यात्मिक प्रश्नों, शंकाओं का समाधान किया जा रहा है। ज्ञान-दीक्षा कार्यक्रम से उत्तीर्ण कुछ साधक साधिकाओं को श्री तरुण जी ने प्रेरित कर उनके द्वारा भी सत्संग, प्रश्न उत्तर का आयोजन किया जा रहा है।
उसके आधार पर अनेकानेक वीडियो, ऑडियो, सत्संग का प्रसारण, बोधिट्यूब, यूट्यूब, टेलीग्राम, पॉडकास्ट, ब्लॉग इत्यादि माध्यमों द्वारा ये अमूल्य आध्यात्मिक ज्ञान निःशुल्क उपलब्ध हो रहा है। वस्तुतः गुरु तरुण जी ने ऑनलाइन गुरुकुल उपलब्ध करवा दिया है। आपके द्वारा अपने सभी आध्यात्मिक कार्यक्रमों में, पाठ्यक्रमों में उच्च स्तरीय शोध कार्य भी निरंतर चलाया जा रहा है।इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष ऑफलाइन सत्संग कार्यक्रमों का आयोजन भी उनके द्वारा हो रहा है। पुणे, दिल्ली, मुंबई, रायपुर में ये कार्यक्रम हो चुके हैं। निःशुल्क ज्ञान प्रसार आपका जीवन व्रत है। दृढ़ संकल्प शक्ति, पूर्ण समर्पण और स्वीकार भाव से इस ज्ञान प्रसार के कार्य में निष्ठापूर्ण तरीके से आप लगे हुए हैं। ये पुस्तक भी ज्ञान प्रसार का एक भाग है।