क से कहानी बाल साहित्य की अनेक विधाओं में सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। बच्चों को कहानी पढ़ना-सुनना अच्छा लगता है। वे कहानी के पात्रों के माध्यम से बहुत कुछ सीखते व समझते भी हैं। कहानियाँ बच्चों को सहज रूप में ही वह सब सिखा देती हैं जो अभिभावक या अध्यापकगण अत्याधिक परिश्रम के बाद भी नहीं सिखा पाते हैं। मैंने अपने इस बाल कथा संग्रह ‘हैलो मिस मैगी’ में कुछ ऐसी ही कहानियों का संकलन किया है।
कहानियाँ ‘सही दिशा में’, ‘रंगीन हो गई होली’ तथा ‘हैलो मिस मैगी’ जिसके नाम से इस पुस्तक का शीर्षक है, बॉडी शेमिंग से जुड़ी हुई हैं। विशेष शारीरिक रंग-रूप या मानसिक या शारीरिक अक्षमता के रहते ही बालक कैसा महसूस करता है, इन कहानियों में बख़ूबी दर्शाया गया है। कहानियाँ ‘प्यारे-प्यारे दादाजी’, ‘डांडिया के बहाने’, ‘छोटा सा प्रयास’ मानवीय जीवन में संबंधों की मिठास को बनाए रखने में के प्रयास में लिखी गई है। ‘बंटी की उत्तरपुस्तिका’ तथा ‘तुम्हारी कॉपी में ग़लतियाँ हैं’, दोनों कहानियाँ आधुनिक नौनिहालों का विद्यार्थी जीवन में मार्गदर्शन करने में क़ामयाब होंगी।
‘बेकार तोहफ़ा’ कहानी में पुस्तकों की उपयोगिता दर्शाई गई है।‘जिया बदल गई है’ कहानी स्वच्छता का संदेश देती है।
‘कैंप में चिप्स के पैकेट्स’ कैंपिंग के दौरान हुए नए-नए अनुभवों का वर्णन कर कैंपिंग के प्रति रोमांच पैदा करती है।
मुझे पूरा विश्वास है कि इस कथा संग्रह को बच्चे तथा बड़े दोनों ही बड़े चाव से पढ़ेंगे।