"इक चेहरा" कई कवियों और कवयित्रियों का एक काव्य संग्रह है। जिसमें 31 कवि और कवयित्रि शामिल है। मगर इसका शीर्षक सिर्फ एक शीर्षक नही हैं, बल्कि उससे काफी आगे एक कहानी है। इस पुस्तक का नाम उस चेहरे के ऊपर रखा गया है जो हमेशा ही ख़्वाबों, ख्यालों में रहता है और साथ ही इस दिल में भी बसता है। उनके चेहरे के सिवा कोई चेहरा नज़र ही नही आता। ना मुझें और ना ही इन आँखों को। उनके चेहरे की ख़ुमारी इस कद्र दिल पर छाई है कि हर जगह, हर चीज़ में उनकी ही सूरत नज़र आती है। उस चेहरे का नूर कभी भूल नही पाता हूँ। ख़ुदा करें कि उनके चेहरे का नूर हमेशा बरक़रार रहें। क्योंकि उनका चेहरा कभी उदासी में अच्छा नही लगता दिल को। दिल तो बस उनके चेहरे और ज़िन्दगी में ख़ुशी ही चाहता है। उनके चेहरे के बारे में जितना भी कहूँ या लिखूँ तो वो कम है। मगर फ़िर भी एक छोटी सी कोशिश की है। बस इस पुस्तक का शीर्षक उनके चेहरे को याद रखकर ही रखा गया है। उनके चेहरे की तरह ये पुस्तक भी चमके बस इसी उम्मीद के साथ इसको प्रकाशित करवा रहे है।