‘इंद्रधनुष - एक नई दिशा की ओर' नामक इस पुस्तक की शुरुआत सरस्वती वंदना से होती है। विद्या की अधिष्ठात्री देवी की अराधना के पश्चात माता के स्नेह, भाई बहन के नेह पर आधारित कविताएँ पढ़ने को मिलेंगी। बेटियों के प्रति हृदय उद्गार को प्रकट करती हुई स्नेहिल पंक्तियों से पाठक अवगत होंगे। कहीं किसानों की दशा दिखेंगी तो कहीं स्वयंसेवकों का सेवाभाव। कहीं रक्तदान का महत्व बताया है तो कहीं सभी प्रकार के दान से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। आस में सफलता का वास होता है, इस बात से सभी राजी होंगे। हमारी कविताएँ समाज, संस्कृति और संस्कारों पर भी आधारित मिलेंगी। राणा प्रताप की वीरता से ओतप्रोत कविता भी पढ़ने को मिलेगी।
तिरंगे की महत्वता बताती हुई कविता भी मिल जाएगी। रंगों पर आधारित खूबसूरत कविताएँ भी पढ़ने को मिलेंगी। मिठाइयों से पाठकों के पढने का मजा दो गुना हो जाएगा, यही उम्मीद है। वक्त के महत्व को पहचान कर कर्मयोगी बनने की प्रेरणा देती कविताएँ भी मिलेंगी। प्रकृति, ऋतु तथा त्योहार पर आधारित कविता भी आप पढ़ेंगे। नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने हेतु कई कविताएँ मिलेंगी।
समाज और लोगों के विचारों भावनाओं, प्रचलित मान्यताओं के बारे में मेरे विचार आपको पढ़ने मिलेंगे। जीवन के हर आयाम पर आधारित शब्दों को पिरोकर हम कविता की माला पिरोकर उपस्थित हैं। जीवन के विविध रंग दिख रहे हैं इस लिए इस संकलन का नाम 'इंद्रधनुष - एक नई दिशा की ओर' रखा गया है।
इस पुस्तक के माध्यम से आप सभी पाठकों के समक्ष हम अपने मन के उद्गार साझा कर रहे हैं। आप सभी से निवेदन है पढ़ने के बाद हमें अपनी प्रतिक्रिया से अवश्य अवगत कराएँ। यह अपनी पहचान बनाती एक अनूठी काव्य संकलन हैl