In this book,
“जाल, यह कहानी एक ऐसे हत्यारे की है, जिसने गुरुनाथ बेनेगल को भी चकित कर दिया। तहकीकात तो एक कत्ल की थी, पर जब सच्चाई सामने आने लगी तो असली कातिल कौन है? ये पता लगाना नामुमकिन सा हो गया, फिर पता चला कि कातिल भी है, सबूत भी है? पर सच्चाई कुछ और है, जिसने गुत्थी सुलझाने की जगह और उलझा दी। वो कौन है जो मरने के 50 वर्ष बाद फिर से जिंदा हो गया? पर कैसे? और क्यों?”