मनजीत राजबीर ,गुरुग्राम, हरियाणा से हैं पर उनका बचपन और जीवन का बड़ा भाग दिल्ली में बीता है। वह अपने परिचय में कहती हैं:
मेरे कुछ जज़्बात खो गए हैं कहीं
कभी कभी उन्हें ढूँढती हूँ मैं
ना जाने कहाँ रख के भूल बैठी हूँ
और उनका पता, उन्हीं से पूछतीं हूँ मैं"
पढ़ने और लिखने का शौक रखने वाली मनजीत राजबीर ने १७ साल के बाद फिर से कलम पकड़ी, कैन्सर के लौटने के ख़ौफ़ परअपनी जीत दर्ज़ कर के।
कुछ यादें हैं, कुछ सच और कुछ सपने इन सब को संजो कर पिरो देती हैं कविताओं में।
इनकी एक किताब बैक टू लाइफ ( Back to life) भी अंग्रेजी में प्रकाशित हुई है। जिसमें उन्होंने अपने कैंसर और जीवन से जीत पाने केसंस्मरण लिखे हैं। उनकी यह किताब उनके साहस ,जुझारू पन सहनशीलता और उनके ईष्ट प्रभु शिव पर अकाट्य श्रृद्धा व विश्वास काउत्कृष्ट प्रेरणादायक उदाहरण है।
ड्रीम टॉल्क्स शायरी व इंग्लिश हिंदी पोएट्री उनका एक मंच है (फेसबुक व यूट्यूब चैनल ) जिसपर लेखक और कवियों को अपनी प्रतिभा को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने अवसर मिलता है।