"कागज़ की कश्ती" एक काफ़िर मुसाफ़िर की डायरी है - जो खुदा को ढूंढते ढूंढते खुद को खो बैठा, और फिर खुद को खोकर खुदा से मिला। इश्क़, इबादत और इंतज़ार के बीच भटकती ये नज़्में पूछती हैं - क्या मंज़िल ज़रूरी है, या सफ़र ही काफ़ी है?
ज्योतिर्मय सिंह एक भारतीय लेखक हैं जो आठ साल से कविताएं एवं कहानियां लिख रहे हैं। अब तक वे पांच कहानी संग्रह और कई कविता संकलन लिख चुके हैं। "कागज़ की कश्ती" उनका पहला हिंदी-उर्दू काव्य संग्रह है, जो एक भटकते मुसाफ़िर की आध्यात्मिक यात्रा, इश्क़ की तलाश, और शब्दों में खुद को खोजने की कहानी है।