जब जब सत्ता को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, तब तब सत्ता में बैठे राजा के सलाहकार, महामंत्री और राजगुरु का काम ही यह होता था कि वह राजा को ऐसी सलाह दे जिससे वह सत्ता में बना रह सके। समयानुकूल सलाह देना ही उनका काम होता था और इसके लिए राजा द्वारा उन्हें पूरा राजकीय सम्मान दिया जाता था।