यूँ तो हर दौर में ही मौला अली अलैहिस्सलाम की फजी़लतों को दबाने की कोशिशें की गई हैं और आज भी खा़रजियों और नासबियों की कोशिश ये ही रहती है कि जिक़्र ए अहलेबैत अलैहिस्सलाम को मिटाया जा सके, हालाँकि ये मुमकिन नहीं।
इस किताब में मैंने इमाम नसाई रहमातुल्लाह आलेह की किताब ख़साइस ए अली अलैहिस्सलाम को आसान हिंदी भाषा में लिखने की कोशिश की है। उम्मीद है कि आप सबको इस किताब के ज़रिए, फजी़लत ए अहलेबैत को समझने में आसानी होगी।
- सैयद शादाब अली