बहुत से लोगों के लिए कृष्णअनुसंधान अथवा भगवान से साक्षात्कार विषय कुछ नया हो सकता है किन्तु जब से मानव इस धरती पर आया है और मानव सभ्यता कि उत्पत्ति हुई है, बुद्धि का विकास हुआ है, मानव मन में यह जिज्ञासा रही है कि हम संसार में कैसे आए है। कहाँ से आए हैं, वह कौन है जिसने हमें पैदा किया है।
कृष्णअनुसंधान अथवा भगवान से साक्षात्कार पर किया गया कार्य एक पुस्तक के रूप में प्रस्तुत है, इसमे मेरे द्वारा लिखित कुछ कविताओं का भी समावेश किया गया है। परन्तु इसमें मेरा कुछ भी नहीं है जो कुछ है वह गुरु कृपा का प्रसाद तथा भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद ही है, किन्तु अगर कहीं कोई गलत बात लगे तो वह गलती मेरी ही होगी जिसके लिए में क्षमा प्रार्थी हूँ। पाठकगण अपने विचारों से मुझे अवगत करने की कृपा करें जिससे भविष्य में इसे सुधारकर और उन्नत रूप में प्रस्तुत किया जा सके।
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