हर कविता हर कहानी के पीछे भावनाओ का उफ़ान होता है लेकिन जो लेखन बदलाव की चेतना ना जगाये, वो लेखन बस एक दिन बीते हुए अख़बार की तरह हो जाता है और मुझे लेखन में रूचि है क्योंकि जानती हुँ समाज को बदलने और जगाने में कलम का किरदार बहुत बड़ा है.....
. मैं अंशिका सिंह लिखती तो बहुत सालो से हुँ जिसकी प्रेरणा मेरे स्वर्गीय पिता जी है, लेकिन ये मेरी पहली किताब है बतौर लेखनी.... आशा है, मेरी ये किताब आपके दिल में थोड़ी जगह बना पाए और मुझे प्रेरित करती रहे जिससे समाज को जगाने में मेरी भावनाएं अहम योगदान दे सके।