Share this book with your friends

Kya Kare kya nahi kare / क्या करें क्या नहीं करें Kya kare kya nahi kare by Divya Jain, Lekhan Sahitya, क्या करें क्या नहीं करें लेखन साहित्य, chandan kumar, kya kare nahi kare, motivation book,

Author Name: Divya Jain | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

इस किताब के माध्यम से मैं सभी को यही संदेश देना चाहूंगी ,
 कि अपनी परेशानियों से कभी डरना नही उससे लड़ना है और हालात कैसे भी हो  , कभी उसपर रोना नहीं उससे आगे कैसे निकलना है , उसे कैसे हल करें इस पर ध्यान देना है । 

लोग कैसे भी हो लेकिन सबके प्रति प्यार ,आदर , सम्मान , रखना चाहिए ।
क्योंकि इन्हीं लागों से हम ऊंचाइयाँ छूते है ।

 अगर जिंगदी में परेशानियां ना हो तो जिंदगी जीने का मजा ही नहीं होता ।
 और ना ही हम कुछ सीख पाते ।

 इस किताब में बताया गया  है - कि मांफी माँगने से कोई छोटा नहीं होता और माफ करने से कोई बड़ा नहीं होता ।

 जिंदगी को आप जिस नजरिये से देखेंगें जिंदगी आपको वैसी ही दिखेगी । इसीलिए कहा गया है इस किताब में - नजरिया बदलिये , जिंदगी अपने आप बदल जायेगी ।

Read More...

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book
Sorry we are currently not available in your region.

दिव्या जैन

मैं दिव्या जैन , ग्वालियर शहर से । मैंने अपनी लेखन साहित्य के हुनर को कक्षा ग्यारहवीं से निखार ना प्रारंभ कर दिया था । मेरी कुछ कविताएं , मेरे स्कूल की मैगजीन में प्रकाशित भी हुई है  । मुझे लिखना और किताबें पढ़ना अत्यंत पसंद है । मैं अपने खाली समय में चित्रकला , गायन या कुछ नया सीखने का प्रयास करती हूं । मेरी यह पहली एकल किताब है , जिसका नाम " क्या करें क्या नहीं "  है । आपको यह कहानी पढ़कर बहुत अच्छा लगेगा । यह कहानी मैंने खुद से संबंधित लिखी है । मेरे मन में कई विचार होते हैं इसीलिए मैं अपने विचार लेखन के माध्यम से व्यक्त कर देती हूं ।

Read More...

Achievements