“ क्या तुम जानते हो, इसके लिए तुम्हे निलंबित किया जा सकता है ?”
“अब शीघ्र अपनी जाँच रिपोर्ट वापस ले लो, अन्यथा मैं तुम्हे किसी घटिया विभाग में स्थानांतरित कर दूंगा|”
“ तुम वास्तव में सोचते हो की, तुम मेरे सिस्टम के साथ खिलवाड़ करोगे और मैं युही देखता रहूँगा |”
यह सारी धमकिया अभिमन्यु के लिए थी | एक छोटे शहर भिलाई का नौजवान, लोगो की सेवा के उद्देश्य से भारतीय प्रशासनिक सेवा में सम्मिलित हुआ | उसकी यात्रा, जो की एक प्रशिक्षु के रूप में, प्रशासन की बारिकिया सीखने से प्रारंभ हुई थी , जल्द ही उसे भारतीय शासन तंत्र की अत्यधिक दीर्घस्थायी द्वेष एवं भ्रष्टाचार से रूबरू करा दिया था | उसने अनुभव किया की कैसे लाल फीताशाही ने सारे देश को जकड़ा हुआ हैं, कैसे संपूर्ण प्रशासनिक तंत्र काम नहीं करने की लिया तत्पर है और अगर कभी कोई जिम्मेदारी लेता भी है तो भी बेमन और भारी मात्रा में भ्रष्टाचार से लिप्त | इस धारणा को बदलने के उद्देश्य को लेकर, अभिमन्यु ने अपने कार्यप्रणाली से, कई प्रभावशाली व्यक्तियों को विचलित कर दिया था जो उसके लिए परेशानी का सबब बन चुके थे | क्या वो इस प्रतिकूल स्थिती से निकल पायेगा या उसका कार्यकाल भी अन्य इमानदार अधिकारियो की तरह एक स्थान्तरण की श्रृंखला बन कर रह जायेगा ?