एक एहसास जो अल्फाजों में बयाँ नही होता, जो दो दिलों को एक डोरी से बाँध लेता है। इश्क - ए - इज़हार, जिंदगी का एक खूबसूरत लम्हा जहा लबों पे लाखों जज्बातों का कहर सा जगे, मगर मन की ख़ामोशी तो आँखो से बयाँ होते है। यहाँ हमारे सारे लेखक उस मोहब्बत को अपने अल्फाजों का रंग देकर, महज़ 7 शब्दों में प्रेम को प्रतिबिंबित किया है। 3 पंक्तियों में प्रीत को समेटने की कोशिश की है, आशा है की ये कोशिश सबके दिलो में एक एहसास छोड़ देगी।