यह पुस्तक 'मन की बातें,कागज से' लेखिका द्वारा शुद्ध भाव से मन से की गई वह बातें हैं जिन्हें वह कहीं और नहीं कह सकी। उसके दोस्त बने कागज और कलम । इन्हीं के सहारे उसने अपने हर भाव को कागज पर उतारा और वह हर बात कागज से की, जो वह किसी और से नहीं कर सकी । मन की यह बातें बन गई सुंदर कविताएँ, कुछ कविताएं बचपन की है, कुछ प्रार्थना की, कुछ माँ की ,कुछ इश्क मोहब्बत की, कुछ प्रश्न उठाती, कुछ समाधान निकालती कविताएँ। मन की बातें हैं मन से पढ़ेंगे तो यह निश्चित ही एक अच्छा अनुभव रहेगा।