मन की कल्पना
कहा जाता है, कि हमारा मन संसार में सबसे अधिक क्रियाशील है, मन की चंचलता किसी भी बंधन में बँधी नहीं है। लेखकों का सर्वोच्च गुण यही है, कि वे अपने मन की गातिशीलता को कल्पनाओं का प्रारूप देकर उसे शब्दों के मोतियों के रूप में पंक्तियों की लड़ियों का प्रारूप देकर, कविताओं का सृजन कर देते हैं। इस संकलन में भी लेखक, लेखिकाओं ने अपनी मन की कल्पनाओं को शब्दों में व्यक्त किया है। अपने दिल की बात को बयां करने का, दिमाग़ को जागृत करना, जो हम सोच रहे हैं, उन्हें शब्दों में अभिव्यक्त कर कागज पर पिरोने का एक छोटा सा प्रयास है हमारी "मन की कल्पना" आशा करते हैं, कि पढ़ने व सुनने वाले पाठकों के अंतर्मन की प्रसन्नता का निम्मित बनकर हमारे लेखकों द्वारा लिखी गयी कविताएँ उन्हें सजीवता का अनुभव करायेंगी।। धन्यवाद