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Man Mantramughd / मन मंत्रमुग्ध

Author Name: Mugdha | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मनुष्य जीवन अनगिनत भावनाओं से लिप्त है। बचपन से ही हम अनेक भावनाओं की अनुभूति अलग अलग तरह से करते हैं। गौर किया जाए तो ये सारी भावनाएं हमारे मन से ही उतपन्न होकर हमारे मन को ही प्रभावित करती हैं। यूँही अनेक तरह की भावनाओं से मुग्ध मेरे मन ने अपनी अनुभूतियों के अनुसार जो भी कुछ लिखा, उसका लोकार्पण करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है। मुग्धा के मन से आपके मन को छू लेने की एक कोशिश, है मन मंत्रमुग्ध

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मुग्धा

हिमानी रावल उर्फ मुग्धा, (उम्र 22) राजस्थान के डूंगरपुर जिले में जन्मी और गुजरात मे पली बडी हैं। इनका शिक्षण भी गुजरात के वलसाड में ही हुआ।इन्होंने साइन्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, पर हमेशा से ही इनकी रुचि लेखन में रही है। इन्हें किस्से कहानियां और कविताएँ पढ़ने का भी हमेशा से शौख रहा है। प्रकृति को ही प्रभु मानना उनके लेखन में दिखता है। इन्होंने लेखन की शुरुआत अंग्रेज़ी में की परन्तु गुजराती लेखिका कुन्दनीका कापड़िया (ईशा ) से एक मुलाकात ने उन्हें मातृभाषा में लिखने की ओर प्रेरित किया। अब वह हिन्दी, अंग्रेज़ी और थोड़ा बहुत गुजराती लेखन भी करती हैं। कागज़ कलम के अलावा इन्हे मंच और माइक से भी खूब लगाव है, अपनी बात कहना, कविताएँ सुनाना, व्यक्तित्व विकास की गतिविधियों मे भी वे शामिल हैं। बच्चों को अभ्यास क्रम से अधिक कुछ सिखाकर एक बेहतर भावी समाज खड़ा करने के स्वप्न की वजह से वो शिक्षिका का काम करती हैं। और हर रोज़ कुछ नया सीखने की आस में जीवन व्यतीत करती हैं।

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