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Mera Prem / मेरा प्रेम

Author Name: Srimati Shashi Prakash & Hansika | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मेरा प्रेम यादें और समर्पण के विषय में


प्रेम संसार का सबसे पवित्र बंधन है ,और सबसे बड़ी अतिशयोक्ति यह है कि प्रेम कभी बंधन में बंधा ही नहीं है। प्रेम के जैसा स्वतंत्र ,स्वच्छंद कुछ भी नहीं है। प्रेम हर बंधन तोड़ सकता है, किन्तु किसी बंधन में नहीं बनता है। इस प्रेम के दो पहलू हैं--- एक वह जो स्वच्छंद है ,काल्पनिक है, दूसरा सांसारिक है ,नैसर्गिक है। एक प्रेम वह है, जिसमें कोई चाहत नहीं है, कोई कामना नहीं है ,कोई अभिलाषा नहीं है। दूसरा प्रेम वह है ,जो चाहत रखता है, कुछ पाना चाहता है, किसी का होना चाहता है और किसी को अपना बनाना चाहता है।
          प्रेम की हर व्यक्ति के लिएअलग-अलग परिभाषा हैं ।हम अपनी पुस्तक  ' मेरा प्रेम --- यादें और समर्पण' के माध्यम से प्रेम के अलग-अलग पहलुओं से आप सभी का परिचय कराना चाहते हैं। यह प्रेम पल्लवित हो,पुष्पित हो, खूब फले फूले।
 हर एक ह्रदय में प्रेम बसे। यही कामना है कि हर एक व्यक्ति प्रेम का सही अर्थ जाने और समझे और एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा पाए।

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श्रीमती शशि प्रकाश , हंसिका

इनका नाम श्रीमती शशि प्रकाश है ।ये एक गृहिणी होने के साथ-साथ अध्यापन कार्य से भी जुड़ी हैं, व समय-समय पर अध्यापक क्षेत्र में अपना योगदान देती रहती हैं। इन्होंने डी.ए.वी (पी.जी) कॉलेज, देहरादून से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है। ये यू.जी.सी( नेट) परीक्षा उत्तीर्ण हैं।
 इन्हें पढ़ने और लिखने का बहुत शौक है ,इसी शौक के चलते इन्होंने २०११-१२ में बी. एड .भी ७०% अंकों से उत्तीर्ण की है ।कविता लेखन इन का पसंदीदा कार्य है, यह स्कूल कॉलेज के समय से ही कविता लेखन का कार्य कर रही है।

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