‘हरीश शर्मा विज्ञान में स्नातक की डिग्री रखते हैं, उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई में प्राप्त की, जहाँ वे वर्तमान में अपने परिवार के साथ रहते हैं। ‘हरीश फिल्म राइटर एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। और गीत, गजल लिखने के साथ ही धर्म, दर्शन, भारतीय पौराणिक कथाओं के बारे में गहरी समझ रखते हैं। अपनी पहली पुस्तक 'देवदूत - द गॉड क्रिएशन' में उन्होंने इन्ही तत्वों को मिलाकर एक कहानी बनाई हैं। दूसरी पुस्तक "मृत्यु का वर्ष" है जो कोरोना काल पर आधारित है, और इससे जुड़ी तमाम बातें और जानकारियां प्राप्त कराती है, साथ ही दुनियाँ के सभी महाद्वीपों के लोगों के भी विचार इस पुस्तक के माध्यम से जानने को मिलेंगे। 'मेरे अल्फ़ाज़ हो तुम' हरीश शर्मा की पहला 72 ग़ज़लों का संग्रह हैं।