किताब के बारे में
इस पुस्तक में लेखिका ने नवरात्रि के 9 दिनों में माँ के रूप और आज के समय में नारी के रूप में उनकी झलक दिखाई है. कैद की पीड़ा,आशा की किरण,गाँव की याद,श्रद्धा और अन्धविश्वास में फर्क,किसी अपने को खोने का दर्द,महाराणा प्रताप की वीरता,प्यार का संदेश,गंगा का आगमन,school life की मस्ती,पंतग की सीख,माँ सरस्वती की झलक,कलम की दोस्ती, नए साल को लेकर उत्साह,हमारी पहचान हमारे त्यौहार उक्त विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं