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Mohabbat se Nafrat Tak / मोहब्बत से नफरत तक

Author Name: Advocate Naresh Panghal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

एडवोकेट नरेश पंघाल" का जन्म 18 जून 1998 को हिसार जिले के आर्य नगर गांव में हुआ। उनका पैतृक गांव गंगवा था!उनके पिताजी एक किसान हैं। अपनी कृषि भूमि आर्य नगर के समीप स्थित होने के कारण उनके पिताजी सन् 1988 के करीब परिवार सहित वही जाकर रहने लगे! उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक निजी स्कूल से हुई! आर्थिक स्तिथि खराब होने के कारण माध्यमिक शिक्षा उन्होंने गांव के ही गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की ! मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने के कारण उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा! कुछ नया सीखने की लालसा के चलते उन्होंने वकालत करने का फैसला किया। जिसके लिए उन्होंने शहर के महाविद्यालय में प्रवेश ले लिया! पढ़ाई के साथ-साथ उनकी विशेष रूचि लिखने में थी । वह किसी भी चीज को अवलोकन कर लिखने में समर्थ हैं। उन्होंने सन् 2021 में "बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लॉ " में अपनी स्नातक की शिक्षा उत्तीर्ण की और उसके बाद से ही वो ‘जिला व सत्र न्यायालय’ हिसार में एक अधिवक्ता के बतोर कार्य कर रहे हैं।

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एडवोकेट नरेश पंघाल

कुछ इन्हीं पंक्तियों से शुरू"अभी कुछ बाकी है, मैं फिर लौटूंगा""उनकी पहली पुस्तक "काव्य संग्रह" का संकलन है जिसे लोगों ने काफी सराहा है।खास बात यह है कि लेखक गांव से संबंध रखते है तो उन्होंने अपनी रचनाओं में आम बोल चाल की भाषा का प्रयोग किया है। उन्हें प्रकृति से भी विशेष लगाव है। उन्होंने अपनी पहली पुस्तक""अभी बहुत कुछ बाकी है,मैं फिर लौटूंगा" में "मन भर गया",सपना मेरा सच हो","अलग दुनिया" जैसी कविताओं में खुद को प्रकृति में खोने की बात कही है। जिससे उनका प्राकृति से प्रेम स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।पेशे से अधिवक्ता होने के बावजूद उन्होंने अपनी इस पुस्तक में बिलकुल विपरीत कार्य कर अपनी प्रतिभा का कौशल दिया है। सूखी टहनियों से बरसती बारिश की बूंदों की तरह उन्होंने अपनी पुस्तक में प्रेम का बहाव किया है!!

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