01. बेहया, बदचलन, छिनाल...
" बेहया , बदचलन , छिनाल ... मेरे पीठ पीछे दूसरे मर्दों के साथ गुलछर्रे उड़ाती है , कमीनी ... रंडी .... मैंने कल सब अपनी आँखों से देख लिया था ... " राकेश जमीन पर नीचे गिर कराहती रीना की कमर पर लातें मारते हुए गुस्से से बड़बड़ा रहा था ।