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MUMKIN NAHIN HAI TUM BIN / मुमकिन नहीं है तुम बिन MUMKIN NAHIN HAI TUM BIN

Author Name: Raghavendra Singh Raghuvanshi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

'मुमकिन नहीं है तुम बिन' काव्य सँग्रह में बहुत ही दर्दभरी शायरी , अशआर और ग़ज़लों  आदि रचनाओं का  सँग्रह किया गया है. इसमें हृदय की आंतरिक भावनाओं को बहुत ही खूबसूरत ढंग से चित्रित किया गया है।

हम उम्मीद करते हैं कि ये कविता सँग्रह आपको असीम आनन्द की अनभूति कराएगा।इसका एक एक शब्द बहुत ही गहरा भाव रखता है। 

रघुवंशी जी का यह दसवां काव्य संग्रह है, इनके अन्य काव्य सँग्रह 1.इश्क़ गुनाह है , 2.मैं आवारा , 3.मैं मानव हूं , 4.दर्द-ए-दिल , 5.अधूरी मोहब्बत, 6.चांद सा चेहरा, 7.मंजिल हो तुम, 8."जिंदगी कुछ नहीं" प्रकाशित हो हो चुके हैं 9. "इश्क है खुदखुशी" । जिसमें बहुत ही हृदय स्पर्शी गीत, ग़ज़लों, कविताओं, अशआर और शायरियों का संग्रह किया गया है।

जिन्हें आप ऑनलाइन नोशन प्रेस पब्लिकेशन के स्टोर से , Amazon या Flipkart से मंगा सकते हैं।

संपर्क सूत्र-

Mob- +91 6387961897

+91 7992099065

Email- singh04211@gmail.com

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राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी'

राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी' एक उभरते हुए यूवा कवि, गीतकार और शायर हैं जिनका जन्म 17 जुलाई सन 1997 को उत्तर प्रदेश राज्य के हमीरपुर (बुंदेलखंड) जिले में यमुना और बेतवा के संगम पर स्थित ग्राम पत्योरा में हुआ।

इनके पिता श्री रामेंद्र सिंह एक कृषक एवं माताजी श्रीमती रानी सिंह एक ग्रहणी है। प्रारंभिक शिक्षा इन्होंने अपने गांव में ही प्राप्त की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए यह कानपुर नगर गए और वहां इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की।

वर्तमान में यह एक निजी क्षेत्र की कंपनी में कार्यरत हैं।

बचपन से ही इनकी रुचि गीत और संगीत दोनों में ही थी लेकिन किसी कारणवश ये संगीत की तालीम हासिल नहीं कर पाए ।

शुरू से ही प्राकृतिक सौंदर्य , खेत खलिहान पेड़ पौधों से इनका विशेष लगाव था और आज भी है ।

राघवेंद्र सिंह ‘रघुवंशी’ मुख्यतः श्रृंगार रस में कविताएं गीत गजल और शायरी लिखते हैं परंतु अन्य रस भी इनसे अछूते नहीं है।

रघुवंशी जी का यह  नवां काव्य संग्रह है, इनके अन्य काव्य सँग्रह 1.इश्क़ गुनाह है , 2.मैं आवारा , 3.मैं मानव हूं , 4.दर्द-ए-दिल , 5.अधूरी मोहब्बत, 6.चांद सा चेहरा, 7.मंजिल हो तुम, 8."जिंदगी कुछ नहीं" , 9."इश्क है खुदखुशी"  प्रकाशित हो हो चुके हैं। जिसमें बहुत ही हृदय स्पर्शी गीत, ग़ज़लों, कविताओं, अशआर और शायरियों का संग्रह किया गया है।

जिन्हें आप ऑनलाइन नोशन प्रेस पब्लिकेशन के स्टोर से , Amazon या Flipkart से मंगा सकते हैं।

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