भारत में ब्रिटिश शासन के समय भी इन्होने कुछ कुछ स्वतंत्रता को महसूस किया था, किन्तु यह वर्ग पूरी तरह से स्वतंत्र हो पाया तब, जब शोषित के भगवान, विश्व रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने अपने संघर्षों के बलबूते इन्हें स्वतंत्रता का अहसास कराया और भारतवर्ष की स्वतंत्रता के साथ ही भारत का विश्व प्रसिद्ध संविधान बनाकर इन्हें समानता, स्वतंत्रता, मैत्री और प्रगति के अधिकार दिलाकर उस शोषण मूलक व्यवस्था से आज़ाद कर दिया।