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Pandit Nathuram Godse / पंडित नाथूराम गोडसे a true nationalist

Author Name: Jairaj Selwan | Format: Paperback | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

किसी महापुरूष की महानता इतिहासकारों की कलम के उपकार की दास नहीं होती, कि जिसे इतिहासकार महान कह दें वो ही महान कहलाए । कुछ महान व्यक्तित्व ऐसे भी होते हैं, जो इतिहास के पन्नों में नहीं, सीधे हृदय में स्थान बना लेते हैं । भारतीय इतिहास में ऐसे बहुत से महापुरूष हुए हैं जिनको इतिहासकारों ने काल के अन्धेरों में धकेलने का प्रयास किया है । किन्तु उनके व्यक्तित्व के तेज का प्रकाश उन अन्धेरों को चीर कर करोडों राष्ट्रभक्तों के हृदयों को प्रकाशवान कर गया है । उन महापुरूषों के व्यक्तित्व का आर्कषण व उनका राष्ट्रप्रेम उन्हें कालजयी बना गया । ऐसे ही एक महापुरूष का नाम है पंडित नाथूराम विनायक गोडसे । जिनका राष्ट्रप्रेम व बलिदान किसी भी महान व्यक्ति से लेशमात्र भी कम नहीं है । इस पुस्तक में हम जानेगें, क्यों गांधी भक्त पंडित नाथूराम गोडसे, गांधी वध करने को विवश हो गए ? आखिर गांधीवाद और राष्ट्रवाद में वास्तविक भेद क्या है ? किसी एक महापुरूष को राष्ट्रभक्त कह देने से दूसरे का अपमान संभव है ? यदि नहीं तो गांधीवादी क्यों नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त कहने से भडक उठते हैं ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में देने का प्रयास किया गया है । 

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जयराज सेलवान

                 स्वयं के बारे में ।

    स्वयं के बारे में कहने को बहुत कुछ तो नहीं है किन्तु एक परम्परा है कि पुस्तक में लेखक का परिचय देना अनिवार्य सा होता है, इसलिए स्वयं का परिचय इतना भर है कि मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बिलासपुर ग्राम में हुआ, और प्राथमिक शिक्षा उत्तराखंड के देवभूमि क्षेत्र चमोली जिले के नारायणबगड नामक स्थान (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) पर   हुई । दसवीं नारायणबगड से करते ही पिताजी का स्थानान्तरण गोपेश्वर हो गया जो कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे तो मेरी भी बाकी की पढाई गोपेश्वर (चमोली) के श्री 1008 गीता स्वामी राजकीय इन्टर कालेज से हुई । और उसके पश्चात बी.ए. की पढाई गोपेश्वर महाविद्यायल से पूर्ण की । लिखने में रूचि दसवीं से आरम्भ हो चुकी थी सो फिल्मों में गीतकार बनने के उद्देश्य को लेकर सन् 2000 में मुम्बई आ गया । कुछ एक फिल्मों में गीत, भजन व सिंगल विडियो एल्बम लिखने के पश्चात पुस्तक लिखने को मन प्रेरित हुआ, सो मेरी ये पुस्तक पाठकों के लिए प्रस्तुत है ।

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