प्रेम सागर की तरह होता है। कभी शांत तो कभी उथल-पुथल।
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने प्रेम की अनिभूति न की हो।
पंखुड़ियाँ इस सागर में डूबने, ठहरने, टूटने और उबरने की प्रक्रिया का संकलन है। एक यात्रा है।
इस यात्रा के अनुभव आपके, हमारे, सबके हो सकते हैं। इन बिखरे हुए अनुभवों को शब्दांकित
करने का एक सूक्ष्म प्रयास है पंखुड़ियाँ। कुछ कविताओं और नज़्मों के
माध्यम से पाठकों के दिल को छूने की कोशिश है पंखुड़ियाँ।