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Parth Ke Baan / पार्थ के बाण

Author Name: Nishant Kumar Saxena | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पूज्य सतगुरु, परम पिता परमेश्वर, मां भारती के शुभ आशीष एवं प्रेरणा से मेरे द्वारा एक काव्य संग्रह तैयार किया गया है। मुझे पार्थ नाम से भी जाना जाता है। काव्य संग्रह का शीर्षक “पार्थ के बाण” इसलिए रखा गया चूंकि एक कवि के अस्त्र-शस्त्र उसके शब्द, विचार  और कविताएं ही होती हैं। इन कविताओं को रचने में मेरे द्वारा काफी परिश्रम किया गया है। विशेषकर इस बात का ध्यान रखा गया कि कविताओं के शब्द कम से कम कठिन हों जो सामान्य से सामान्य पाठक को भी आसानी से समझ में आ सकें तथा उन्हें प्रभावित करके उनके जीवन को दिशा दे सकें।

समाज और देश के उत्थान को समर्पित इस पुस्तक के द्वारा आप पाठकों से प्रेम प्राप्ति की आकांक्षा है। इस पुस्तक के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी मैं आपको ही सौंपता हूं यदि पुस्तक आपको पसंद आए तो अन्य पाठकों को भी इसके बारे में बताने में सहयोग प्रदान करें।

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निशान्त कुमार सक्सेना

मेरा नाम निशान्त कुमार सक्सेना है। प्रेम से लोग मुझे पार्थ बुलाते हैं। प्रारंभिक शिक्षा के बाद मेरा जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा। मैंने कई प्रकार से पारिवारिक, शैक्षिक और सामाजिक शोषण का सामना किया। उच्च शिक्षा में एम ए, एम बी ए, तथा सॉफ्टवेयर डिप्लोमा के दौरान मैंने शोषण के समाधान पर कार्य आरंभ किया। ग्रेजुएशन के दौरान ही लिखना शुरू किया और 2017 से अब तक साहित्य में 12 अवार्ड प्राप्त किए। जिसमें केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के अवार्ड शामिल हैं। मैंने अब तक 11 शैक्षिक उपलब्धियां प्राप्त की हैं। पिछले 10 वर्षों से शिक्षण तथा समाज सेवा में लगा हूं। मैं "स्वामी विवेकानंद संस्कृति समिति" (समाज सेवी संस्था) का अध्यक्ष हूं। इस दौरान मैंने कई शैक्षिक तथा सामाजिक रिसर्च भी किए हैं। भविष्य में मेरी कई साहित्य तथा रिसर्च से संबंधित किताबें प्रकाशित होंगी। 
मेरे प्यारे देश भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने तथा व्यवस्था परिवर्तन को ही मैंने अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य बना लिया है।

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