रिनैशाँ अगर यूरोप में हुआ, तो भारत में यह एक सतत प्रक्रिया रही। यह मानना उचित नहीं कि भारत उस समय सो रहा था।
अंग्रेजों के आने के बाद कुछ स्थायी बदलाव ज़रूर हुए। एक तरफ़ वह भारतीयों में हीन-भावना दे गए, वहीं दूसरी तरफ़ कुछ ऊँघती सभ्यता को जगाया। भारत को यह अहसास हुआ कि उनकी संस्कृति हज़ारों वर्ष पुरानी है, इसका यह अर्थ नहीं कि यह आधुनिक दुनिया से परे है। भारत के पास ऐसे कई सूत्र हैं, जिसने आधुनिक दुनिया के निर्माण में महती भूमिका निभाई है। चाहे कला हो, विज्ञान हो, धर्म हो, संगीत हो, शिक्षा हो, हर क्षेत्र में भारत ने एक सदी के दौरान ऊँचाइयाँ पायी।
अक्सर इसे बंगाल रिनैशाँ भी कहा जाता है, लेकिन यह सिर्फ़ बंगाल तक सीमित नहीं था। न ही यह एक धर्म या एक जाति तक सीमित था। यह अखिल भारतीय नवजागरण था।
Bonzuri Prime की नयी पेशकश इतिहास के इसी मील के पत्थर से गुजरती है।
मुख्य अंश Highlights
★ रॉयल एज़ीऐटिक सोसाइटी
★ मकाले
★ गेन्तु संहिता
★ ईसाई मिशनरी
★ विवेकानंद
★ दयानंद सरस्वती और आर्य समाज
★ राजा राम मोहन रॉय और ब्रह्म समाज
★ सती प्रथा
★ ईश्वर चंद्र विद्यासागर
★ माइकल मधुसूदन दत्त
★ रवींद्र नाथ टैगोर
★ जगदीश चंद्र बोस
★ नारायण गुरु
★ ज्योतिबा फुले
★ सर सय्यद अहमद खान
★ श्रीनिवास रामानुजन
★ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
★ मुस्लिम नवजागरण
★ डेरोज़ीयो
★ शिकागो भाषण