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Sadat / सादात

Author Name: Syed Shadab Ali | Format: Paperback | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

उम्मत ने बाद ए पर्दा ए रसूल ही दीन ए हक़ छोड़ दिया और तख़्लीक़ी दीन के पैरोकार बन गए। इमाम अली अलैहिस्सलाम से लेकर इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम तक, हर एक आईम्मा ए अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम ने तख़्लीक़ी दीन के मुकाबले में हक़ीक़ी दीन बुलंद किया है और इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम भी आकर, दीन ए हक़ का अलम बुलंद करेंगे। फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा ने दीन ए हक़ को बचाने के लिए सबसे पहले तख़्लीक़ी दीन के ख़िलाफ़ बग़ावत की। हक़ीक़ी दीन को बुलंद करने की कोशिशों को रोकने के लिए ही तख़्लीक़ी दीन की पैरोकार उम्मत ने हर दौर में इमाम अली, बीबी फ़ातिमा, आईम्मा ए अहलेबैत व आल ए रसूल को शहीद कर दिया।

हमने ये किताब लोगों को बेदार करने की नियत से लिखी है ताकि हम मक़सद ए करबला व मक़सद ए इमाम को समझें और हक़ीक़ी दीन को ज़िंदा करने की कोशिश करते रहें। हमें चाहिए कि हम, इमाम ए क़ायम की नुसरत के लिए जीने-मरने वाले बन जाएँ। अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मद व अला आले मुहम्मद।

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सैयद शादाब अली

सैयद शादाब अली, आल ए रसूल से हैं और उम्मत को तख़्लीक़ी दीन से बचाकर हक़ीक़ी दीन की तरफ़ लाने की मेहनत और कोशिश कर रहे हैं।

इन्होंने हक़ीक़ी दीन ए इस्लाम, आईम्मा ए अहलेबैत और हक़ ए अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम की दिफ़ा के लिए कई किताबें लिखी हैं।

सैयद शादाब अली, एक लेखक के साथ-साथ एक शायर भी हैं जिन्होंने अहलेबैत, समाज और उम्मत के लिए नज़्म भी लिखी हैं। इनका मक़सद दीन औल इंसानियत की दिफ़ा के लिए लिखना और बदलाव लाने की कोशिश करना है। ये लोगों को बेदार करने की कोशिश करते हैं‌।

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